नर्क कया है?

नर्क कया है? * सुख ओर शांती का अभाव. * अंत”करळ की दुःखमय व्यवस्था. * अशःपतन. * हिनतम स्थिति.

किसको समजाने की कोशिष करनी नहि चाहिए?

किसको समजाने की कोशिष करनी नहि चाहिए? * जो अपने को ज्ञानी समजता हो. * मुर्ख को. * शंकाशील को. * उपकार पे अपकार करने की वृति जिसमे हो.

अंध किस को कहते है?

अंध किस को कहते है? * जो योग्य राह को देख नहि शकता. * सत्य को समजने की कोषिश ना करे. * अपने पुर्वग्रह को मजबुती से पकड रखता है. * अन्य क हित सिचे नहि. * जिसके ह्रदय मे करुळा नहि है वो.

महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि जिस शिवरात्री पर्व के आगमन क़ी प्रतीक्षा मानव ही नहीं बल्कि देव दानव सभी बहुत उत्सुकता से करते है. जिस महापर्व शिवरात्रि के आगमन क़ी आश लगाए धरित्री धैर्य पूर्वक जड़ जंगम एवं स्थावर के प्रत्येक शुभ एवं अशुभ कर्मो क़ी साक्षी बन वर्षपर्यंत उन्हें धारण किये रहती है. जिस महिमामय मुहूर्त के आगमन मात्र से समस्त चराचर में एक नयी स्फूर्ति एवं आशा क़ी उमंग जगती है. जिसके […]

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब। संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥ || चौपाई || जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥ सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥ कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥ महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥ दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥ सब कर […]

 
Brahmin Social Network
ભારતના વિકાસની સાથો-સાથ બ્રાહ્મણોની જીવનશૈલી, વ્યાપારિક પધ્ધતિ અને અભ્યાસ, જ્ઞાનની પ્રાપ્તિ અને તેના માધ્યમોમાં આમૂલ પરિવર્તન જણાયું છે. સમય સાથે કદમ મેળવીને ચાલે તે માનવી પ્રગતિના સર્વોત્તમ શિખરે પહોંચે છે, આ ઉક્તિને સાર્થક કરતા હોય તેમ બ્રાહ્મણો વધુ કોર્પોરેટ બની રહ્યા છે અને આધુનિક વિજ્ઞાનની સાથે જોડાઇને વિકાસ સાધી રહ્યા છે. બ્રાહ્મસમાજ માટે આ અમારો સ્વતંત્ર અને અલાયદો પ્રયાસ છે. જેને બ્રાહ્મણ મિત્રો, વાંચકો અને નેટ સર્ફર વધાવી લેશે તેવી આશા છે. brahm-samaj-requirement-ad
 
Spread the Word - brahm samaj
 
market decides
Font Converter online
 
Brahmin Social Network
 
Sponsors
 
jeevanshailee
 
 
 
Brahm Samaj Events