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दैनिक साधना, त्रिकाल संध्या पूजन દૈનિક સાધના ક્રમ (૧) બ્રહ્મસંધ્યા (૨) પૂજા (૩) જપ (૪) પ્રાથના. આસન પર બેસીને શરીર અને મનને પવિત્ર બનાવવા માટે શરીરના પાંચ તત્વોને શુધ્ધ કરવા માટે શરીર (ભૂત) શુધ્ધિ કરવામાં આવે છે. તેને જ બ્રહ્મસંધ્યા કહેવામાં આવે છે. સંધ્યા કરવા માટે પાંચ કર્મ કરવા પડે છે. (૧) પવિત્રીકરણ (૨) આચમન (૩) શિખાબંધન (૪) પ્રાણાયામ (૫) ન્યાસ. (૧) પવિત્રીકરણ / શરીર શુદ્ધિ પવિત્રીકરણઃ ડાબા હાથમાં પાણી […]
श्री भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ॥ || चौपाई || जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ॥Shri Bharov Ji Ki Chalisa श्री भैरव चालीसा (Shri Bharov Chalisa) […]
फिर आपका कर्म आपको आनंद देगा मयि सर्वाणि कर्माणि संन्यस्याध्यात्मचेतसा। निराशीर्निर्ममो भूत्वा युद्धस्व विगतज्वरः।। अपने मन को आत्मा में स्थिर करके, सभी तरह के कामों को मुझे समर्पित करके, इच्छा, मोहमाया और भावनाओं की तपिश से बाहर आकर युद्ध करो। कर्म के वक्त इंसान के तीन भाव होते हैं। पहला, किए जा रहे काम से मिलने वाले फल की इच्छा। दूसरा, इस भाव से कोई कर्म करना कि वह […]
सात चिरंजीवी अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम ये सभी चिरंजीवी हैं। यह दुनिया का एक आश्चर्य है। विज्ञान इसे नहीं मानेगा, योग और आयुर्वेद कुछ हद तक इससे सहमत हो सकता है, लेकिन जहाँ हजारों वर्षों की बात हो तो फिर योगाचार्यों के लिए भी शोध का विषय होगा। इसका दावा नहीं किया जा सकता और इसके किसी भी प्रकार के सबूत नहीं है। यह आलौकिक […]