महाशिवरात्रि जिस शिवरात्री पर्व के आगमन क़ी प्रतीक्षा मानव ही नहीं बल्कि देव दानव सभी बहुत उत्सुकता से करते है. जिस महापर्व शिवरात्रि के आगमन क़ी आश लगाए धरित्री धैर्य पूर्वक जड़ जंगम एवं स्थावर के प्रत्येक शुभ एवं अशुभ कर्मो क़ी साक्षी बन वर्षपर्यंत उन्हें धारण किये रहती है. जिस महिमामय मुहूर्त के आगमन मात्र से समस्त चराचर में एक नयी स्फूर्ति एवं आशा क़ी उमंग जगती है. जिसके […]
श्री साईं चालीसा || चौपाई ||) पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं। कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं॥ कौन है माता, पिता कौन है, ये न किसी ने भी जाना। कहां जन्म साई ने धारा, प्रश्न पहेली रहा बना॥ कोई कहे अयोध्या के, ये रामचंद्र भगवान हैं। कोई कहता साई बाबा, पवन पुत्र हनुमान हैं॥ कोई कहता मंगल मूर्ति, श्री गजानंद हैं साई। कोई कहता […]
श्री सरस्वती चालीसा http://youtu.be/9_-L0qeH_ZQ जय श्रीसकल बुद्घि बलरासी । जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी ॥ जय जय जय वीणाकर धारी । करती सदा सुहंस सवारी ॥ रुप चतुर्भुज धारी माता । सकल विश्व अन्दर विख्याता ॥ जग में पाप बुद्घि जब होती । तबहि धर्म की फीकी ज्योति ॥ तबहि मातु का निज अवतारा । पाप हीन करती महितारा ॥ बाल्मीकि जी थे हत्यारा । तव प्रसाद जानै संसारा ॥ रामचरित […]
श्री शनि चालीसा http://youtu.be/PMoqNyeQ4sY || चौपाई || जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ॥ परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥ कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके ॥ कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं आरिहिं संहारा ॥ पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, […]
श्री लक्ष्मी चालीसा || चौपाई || सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही । ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ तुम समान नहिं कोई उपकारी । सब विधि पुरवहु आस हमारी ॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा ॥ तुम ही हो सब घट घट वासी । विनती यही हमारी खासी ॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी । दीनन की तुम हो हितकारी ॥ विनवौं नित्य तुमहिं महारानी […]
इक्यावन शक्तिपीठ तन्त्रचूडामणि में पीठों की संख्या बावन दी गई है, शिवचरित्र में इक्यावन और देवीभागवत में एक सौ आठ। कालिकापुराण में छब्बीस उपपीठों का वर्णन है। देवीपुराण में ५१ शक्तिपीठों का वर्णन है। पर साधारणतया पीठों की संख्या इक्यावन मानी जाती है। इनमें से अनेक पीठ तो इस समय अज्ञात हैं।सती के शव के विभिन्न अंग और आभूषण गिरे, वहाँ बावन शक्तिपीठो का निर्माण हुआ। मुंबई से कोल्हापुर सीधे […]
२०१४ मूलांक १- १ मूलांक वालों का स्वामी सूर्य है वहीं वर्ष का अंक ५ है। इनमें आपसी मित्रता है अत: यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद रहेगा। अधूरे कार्यों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। पारिवारिक मामलों में महत्वपूर्ण कार्य होंगे। अविवाहितों के लिए सुखद स्थिति बन रही है। विवाह के योग बनेंगे। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम हैं। पदोन्नति के योग हैं। बेरोजगारों […]
विराट मन का प्रत्येक कण ज्ञान से परिपूर्ण है. यह जान लेने पर तुम खोजना बन्द कर देते हो. तुम्हारी खोज तब तक है जब तक तुम गुरु के पास न पहुंचो. तालाब के किनारे तक ही तुम चल कर जाते हो, पर तालाब में तुम चलते या दौड़ते नहीं- तुम तैरते हो, बहते हो. गुरु के पास आ जाने पर खोज समाप्त हो जाती है, तुम खिल जाते हो, […]
रिश्तों में शिकवों के ५ सॉल्यूशन १.अगर आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगी, तभी आप जीवनसाथी का भी बेहतर ढंग से ख्याल रख पाएंगी। इस तरह लड़ाई की स्थिति में आप खुद पर नियंत्रण बनाए रख सकेंगी एवं आपका पूरा ध्यान समस्या के समाधान पर होगा। इसलिए अपने खानपान में समुचित पोषण, प्रोटीन, विटामिन इत्यादि शामिल करें। भरपूर नींद लें, इससे आप तनाव से दूर रहेंगी और तरोताजा महसूस करेंगी। […]