संस्कृत पुस्तक आदिगौड़ दीपिका के अनुसार गण्डकी नदी के पश्चिम में वो क्षेत्र जो सरयू नदी तथा उत्तर में हिमालय से घिरा हुआ है उसको गौड देश से जाना जाता था और जो ब्राह्मण इस क्षेत्र में सृष्टी के प्रारंभ से रहते थे उनको आदिगौड़ से जाना जाता है. एक अन्य किवदंती के अनुसार भगवान राम के अश्वमेघ यज्ञ में कुछ ऋषियों ने सीता माता के निष्काशन को लेकर सामिल होने से इंकार कर दिया था. वे बाद में राजभय से गौड़ देश में आकर बस गए और अन्य मनुष्यों की तरह जीवन यापन करने लगे. इन्ही के वंसज (ऋषि पुत्र) आदिगौड़ ब्राह्मण कहलाये.